Lets start from childhood

नमस्कार दोस्तों 🙏🏻
आज ये मेरा पहला ब्लॉग है और मैँ आप सबको आज एक ऐसी कहानी बताने वाली हूँ जो शायद सबकी होती है या किसी की भी नहीं होती। ✉️
ये कहानी है एक ऐसी लड़की की जो एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्म लेती है , उस परिवार के लोग उसे बहुत प्यार करते है पर तब तक जब तक वो छोटी बच्ची होती है जब तक उसे बोलना आता है तब तक
जब तक वो अपने छोटे छोटे पैरो में घुंघरू वाली पायल पहेन कर छम छम की आवाज़ निकालती है तब तक ,
जब तक वो अपने पापा की गोद में घूमा करती थी तब तक
पर जैसे ही वो बड़ी होने लगी वैसे ही इस परिवार के लोगो ने उसे समाज क्या होता है बताना शुरू कर दिया। एक छोटी सी लड़की को सलवार कमीज और स्कर्ट में अंतर बताना शुरू कर दिया। वो बचपन से हे खुशमिज़ाज़ तेज़ और चंचल थी। उसे गाना गाना अच्छा लगता था, उसे नाचना अच्छा लगता था, उसे स्कूल के फँक्शन में हिस्सा लेना अच्छा लगता था।पर उस परिवार में ये सब एक लड़की नहीं कर सकती थी। सबके दर की काकः से वो कभी किसी  नाचती थी पहले अपने चारो तरफ देख के ये तसल्ली कर लेती थी कही उसे कोई देख तो नहीं रहा।  अगर उसे कोई देखता तो वो झट से चुप हो जाती। जब उसका गाना गाने का दिल करता तो वो चुपके से कमरे में दरवाज़ा बंद कर जी भर के गा लेती।
वो कभी किसी को भी नहीं बता सकती थी जो उसके दिल में था।
वो बातें बहुत किया करती थी जिसकी वजह से उसने अपने पिता और माँ से बहुत ड़ांट पड़ती थी. लेकिन वो चंचल स्वाभाव की लड़की जिसके सपने उसकी बातो से भी ज्यादा तीखे और ऊँचे थे।
भगवान् की कृपा से उसके दो छोटे भाई हुए जिनके होने पर उस लड़की को बहुत ख़ुशी हुई और उसे लगा कि चलो अब उसके सपने और उसकी बातें सुनने वाला कोई आ गया और वो भगवान्  से बोली अब मेरे भाई मेरे सपनो को पूरा करने में मदद करेंगे और मै अपने भाइयो को दुनिया की सबसे अच्छी बहन बन कर दिखाउँगी।

कहानी आगे जारी रहेगी। .. ... ..... 🔜
धन्यवाद 👍🏻👍🏻👍🏻😊😊😊😊

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